शिवलिंग पारद FOR DUMMIES

शिवलिंग पारद for Dummies

शिवलिंग पारद for Dummies

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- व्यक्ति समस्त सुखों का भोग करता हुआ शिवलोक तक जाता है. शिवलिंग की महत्वपूर्ण बातें क्या हैं और क्या है इसकी स्थापना के नियम ?

पारद शिवलिंग हे महादेवाचे प्रत्यक्ष रुप मानले जाते. त्यामुळे घरात पारद शिवलिंगाची प्रतिष्ठापना करा. घरातील देव्हाऱ्यात पार्वती-शिवांचे चित्र असेल तर त्यांच्यासमोर पारद शिवलिंगाची स्थापना करा. तत्पुर्वी चांदीच्या, तांब्याच्या किंवा पितळाच्या ताटावर पांढरे कापड पसरून त्यांना शिवलिंग बसवावे. सर्व प्रथम पारद शिवलिंगाच्या उजव्या बाजूला दिवा लावावा. त्यापूर्वी त्यांना गंगाजलाने आभिषेक करा.

असे मानले जाते की सोमवारी पारद शिवलिंगाची पूर्ण श्रद्धेने आणि श्रद्धेने पूजा केल्यास भगवान शंकराकडून वरदान मिळते.

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कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर युवती से रेप

पूजा के बाद इन शिवलिंगों की देखभाल कैसे करें?

इस श्लोक में बताया गया है कि करोड़ों शिवलिंगों के पूजन से जो फल प्राप्त होता है, उससे भी करोड़ गुना ज्यादा फल पारद शिवलिंग की पूजा और दर्शन से प्राप्त होता है। पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल सकती है।

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पन्ना शिवलिंग; पन्ने नामक हरे रंग के कीमती रत्न से बनाया जाता है।

उपरोक्त विधि को करने के पश्चात आप बुधवार को अथवा अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र में इसे स्थापित करें।

पारद शिवलिंग के स्पर्श करने मात्र से सकारात्मक ऊर्जा का शरीर में प्रवेश होता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है। शिवपुराण में बताया गया है कि अन्य शिवलिंगों के अपेक्षा पारद शिवलिंग की पूजा करने से हजार गुना फल मिलता है। बताया जाता है कि पारद की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश से हुई थी और घर में इसको रखने पर भगवान शिव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का स्थायी वास होता है।

सुख वैभव की प्राप्ति और जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने के लिए पारद श्री यंत्र पारद शिवलिंग स्थापना विधि को घर में स्थापित करना बेहद शुभ होता है। इस यंत्र की घर में स्थापना करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पारद श्री यंत्र का दैवीय प्रतीक लक्ष्मी माता और कुबेर देव को माना गया है। पारिवारिक सुख और आर्थिक मजबूती के लिए लक्ष्मी माता का ये यंत्र स्थापित किया जाता है। इसे सभी यंत्रों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इस यंत्र को प्रभावकारी बनाए रखने के लिए प्रतिदिन इसकी पूजा अर्चना के साथ मंत्र उच्चारण करना बेहद आवश्यक है। विशेषरूप से होली, दिवाली, नवरात्री और शिवरात्रि के दौरान सही मंत्रोच्चार कर इस यंत्र को अधिक प्रभावकारी बनाया जाता है। पारद श्री यंत्र सोना, चांदी और तांबे का हो सकता है।

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